ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

बुधवार, फ़रवरी 01, 2012

बहराइच से प्रकाशित हिन्दी मासिक पत्रिका का जनवरी अंक


शिक्षकों के नाम खुला खत 02

राजनीति पर वर्चुअल टिप्पणियां 03

देवीपाटन मण्डल की बंजर राजनीति 04

लोक स्मृति में बसी राजनीति 05

प्रभारी करायेंगे बहराइच का चुनाव 06

कोठी कौल की या दरगाह की(कवर स्टोरी) 07

अदम से मुलाकात-वाया दोस्त(कवर स्टोरी) 11

मारौ पटक के जे कहय पन्दरा अगस्त है 16

जन शिकायतें 17

नेपाल का पानीः सच या झूठ 18

संजरपुर बदायूं में फर्जी मुठभेड़ 20

आरटीआई को कमजोर करना घातक होगा 21

अनुकूल जानवर 23

औरंगजेब ने मंदिर-मस्जिद क्यों तोड़ा 24

नींव से शिखर तक 27


1 टिप्पणी:

शचीन्द्र आर्य ने कहा…

कुछ लिखा है श्रावस्ती के बारे में..
http://karnichaparkaran.blogspot.in/2012/04/blog-post_2302.html