ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

मंगलवार, जुलाई 19, 2011

फैज उस्मानी की हिरासत में हुई मौत की सीबीआई जांच हो- PUCL

लखनऊ 18 जुलाई 2011/ मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज
(पीयूसीएल) ने मऊ जिले के ढिलई फिरोजपुर निवासी फैज उस्मानी की पूछताछ के दौरान हुई मौत पर सीबीआई जांच की मांग करते हुए पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह फैज उस्मानी को उसके घर से उठाया गया और उसके बाद उसकी मौत हो गई इससे जाहिर है कि पुलिस ने उसको गंभीर यातना दी थी। संगठन इस मुद्दे पर कल आजमगढ़ और मऊ में केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को संबोधित ज्ञापन सौंपेगा। पीयूसीएल ने इसे हिरासत में हुई मौत बताते हुए महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया कि जब पुलिस ही हत्या की जिम्मेदार है तो फिर पुलिस कर्मियों से निर्मित सीआईडी जांच करवाकर वह दोषी पुलिस कर्मियों को बचाना चाहती है। पीयूसीएल नेताओं ने कहा कि जांच की अब तक की दिशा से स्पष्ट है कि सरकार मुसलमानों और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को ही संदेह के दायरे में रखकर उनको बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि आखिर एटीएस या दूसरी जांच एजेंसियां मालेगांव, समझौता एक्सप्रेस, हैदराबाद मक्का मस्जिद जैसे विस्फोटों को अंजाम देने वाले हिन्दुत्वादी संगठनों को इस धमाके में शक के दायरे से क्यों बाहर रख रही हैं। क्या जांच एजेंसियां पूर्व की इन घटनाओं से सबक नहीं सीखना चाहती जब उन्होंने इन घटनाओं में शुरु में निर्दोष मुस्लिमों को फर्जी आतंकी संगठनों के नामों पर गिरफ्तार किया लेकिन बाद ये हिंदुत्वादी संगठनों की करतूतें निकलीं। मुंबई धमाके की जांच की दिशा की अगंभीरता को देखते हुए पीयूसीएल नेताओं ने कहा कि जिस तरह समुदाय विशेष को पूरे देश में इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे कथित संगठन के नाम पर उत्पीडित किया जा रहा है ऐसे में जरुरी हो जाता है कि सरकार इंडियन मुजाहिद्दीन पर श्वेत पत्र जारी करे। 

द्वारा जारी- राजीव यादव, शाहनवाज आलम प्रदेश संगठन सचिव पीयूसीएल उत्तर प्रदेश 
मो0- 09452800752, 09415254919

कोई टिप्पणी नहीं: