ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

शनिवार, जुलाई 16, 2011

सरकार मीडिया में फर्जी खबरें प्रसारित कर आजमगढ़ को बदनाम कर रही है..

आजमगढ़ 16 जुलाई 2011। मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने मुंबई में हुए बम धमाकों की निंदा करते हुए इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। पीयूसीएल की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मसीहुद्दीन संजरी, शाहनवाज आलम, राजीव यादव और तारिक शफीक ने कहा कि घटना के बाद जिस तरह से सरकार दोषियों तक पहुंचने के बजाय अखबारों के माध्यम से समुदाय और क्षेत्र विशेष के खिलाफ माहौल बना रही है,उससे सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठते हैं।
 
पीयूसीएल ने कहा कि जिस तरह आज 16 जुलाई 2011 को अखबारों में यह झूठी खबर छापी गई कि सलमान और कचहरी विस्फोटों के आरोप में लखनऊ जेल में बंद आजमगढ़ निवासी तारिक कासमी से पूछताछ की गई । खबर झूठी और हास्यास्पद है,क्योंकि जहां सलमान जयपुर में बंद है,तो वहीं आज ही लखनऊ जेल में तारिक कासमी से मुलाकात करने गए उनके वकील मो0 शोएब के मुताबिक तारिक से किसी ने भी कोई पूछताछ नहीं की है। 

पत्रकार, खूफिया विभाग, एटीएस, और सरकार की नीयत शक के घेरे में है। 

सरकार मुंबई धमाकों में मारे गए निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा देने के बजाय आजमगढ़ को बदनाम करके राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। 

पीयूसीएल ने मुंबई धमाके की निष्पक्ष एंव उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि जिस तरह सरकार धमाके की आड़ में आजमगढ़ और मुसलमानों को बिना आधार के निशाना बनाना चाहती है,ठीक उसी तरह ऐसी ही अनगिनत आंतकी घटनाओं में संलिप्तता उजागर हो चुके संघ परिवार के आतंकी नेटवर्क को आखिर क्यों शक के दायरे से भी बाहर रखा जाता है ? 

संगठन ने यह भी कहा कि अखबारों और अन्य मीडिया स्रोतों में आ रही अपुष्ट,निराधार और सांप्रदायिक खबरों की मानिटरिंग करके उसे प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के समक्ष कार्रवाई के लिए रखेगा।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रदेश संगठन सचिव पीयूसीएल उत्तर प्रदेश
मो0- 09415254919, 09452800752

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