ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

सोमवार, जून 13, 2011

जे. डे की हत्या और कपिल शर्मा की पुलिस प्रताड़ना की निंदा

जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) ने मिड डे के रिपोर्टर जे. डे की हत्या और पूर्व में बिजनेस स्टैंर्डड से जुड़े रहे पत्रकार कपिल शर्मा की दिल्ली पुलिस द्वारा निर्मम पिटाई की कड़ी निंदा की है। जे. डे की शनिवार को मुंबई में अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर दिया। जबकि उसी समय दिल्ली के तिमारपुर थाने में पत्रकार कपिल शर्मा को पुलिस ने बुरी तरह से प्रताड़ित किया। पुलिस कपिल को एक झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है।
संगठन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रेस पर बढ़ते इस हमले की निंदा करते हुए दोनों ही मामलों की स्वतंत्र एजेंसियों से जांच की मांग की गई। संगठन ने आरोप लगाया कि कपिल शर्मा के मामले में पुलिस का रवैया
भी अपराधियों जैसा है। पत्रकारों पर बढ़ रहे ऐसे हमलों से प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में है। इस समय पत्रकारों को सरकार और गैर कानूनी काम करने वाले लोगों व संस्थाओं दोनों के ही हमलों का सामना करना पड़ रहा है। जे. डे और कपिल शर्मा का मामला इसके उदाहरण है। पत्रकारों पर हो रहे इस तरह के हमलों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकार खतरे में हैं।
संगठन ने मानवाधिकार आयोग और प्रेस परिषद से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और पत्रकारों को न्याय दिलाने की मांग की है।

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द्वारा जारी
विजय प्रताप, शाह आलम, अवनीश राय, ऋषि कुमार सिंह, वरुण शैलेश, राजीव यादव, शाहनवाज आलम, प्रबुद्ध गौतम, अभिषेक रंजन सिंह, नवीन कुमार, शिवदास, देवाशीष प्रसून, दीलिप खान, सौम्या झा, अली अख्तर, गुफरान,
पूर्णिमा उरांव, शीत मिश्रा, अरुण उरांव, राकेश।


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