बहराइच जिला प्रशासन की नाकामियों को दर्ज कराने वाली ये खबरें रोजाना की कहानी हैं। पुलिसवालों की दबंगों से मिली भगत होने की घटना एक दिन की नहीं है...बल्कि ऐसी घटनाओं से स्थानीय अखबार भरे हैं। इस पोस्ट के लिए हमने अमर उजाला से साभार तीन खबरें उठायी हैं। जो एक ही दिन के अखबार की हैं। कहने का मतलब है कि जो खबरे बाहर आयी,वे अखबारों के जरिए हम तक पहुंच रही हैं...ऐसे बहुत से पीड़ित हैं जो जिला अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा लगाकर हार चुके हैं...लेकिन उन्हें मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला है..बौड़ी थानाध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप होने के वावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई कर पाने में जिला प्रशासन लगभग नाकाम रहा है। जबकि उस पर लगातार अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप जिला प्रशासन के सामने लगता रहा है। ऐसे में राजनीतिक कमजोरियों इस जिले को पुलिसतंत्र और प्रशासनिक तंत्र की लूट का शिकार बना दिया है...हमारी मांग है कि नीचे दी गई सभी खबरों पर जिलाप्रशासन अपना रूख स्पष्ट करे। साथ ही यह भी बताये कि क्यों लोगों को धरने तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्या एक जिले की नियति में केवल अधिकारियों की लूट और दबंगों का अत्याचार ही लिखा गया है...या एक लोकतांत्रिक जीवन की दरख्वास्त कहीं छिपी हुई है...
साभारःअमर उजाला
बालू खनन को लेकर गत दिनों हुई थी हत्या पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
बहराइच। भिरगूपुरवा मंझारा तौकली गांव में शुक्रवार को बालू खनन को लेकर हुए हमले में एक व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से गुस्साए लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना- प्रदर्शन किया और नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। साथ ही कार्रवाई न होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी। कैसरगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत भिरगूपुरवा मंझारा तौकली निवासी कुछ लोग शुक्रवार को गांव निवासी रामलाल के खेत से बालू का खनन कर रहे थे। रामलाल और उनके परिजनों ने मना किया। इस पर उस समय तो लोग कुछ नहीं बोले, लेकिन शाम को लाठी, डंडे और असलहों से लैस आधा दर्जन दबंग रामलाल के घर आ धमके। अंधाधुंध फायरिंग करते हुए परिजनों की पिटाई की। बीच-बचाव में रामलाल के भाई रामाज्ञा को काफी चोटें आईं थीं। उत्पात मचाकर दबंग जानमाल की धमकी देते हुए फरार हो गए थे। रामलाल ने ग्रामीणों की मदद से थाने में सूचना दी थी। इसके बाद घायल भाई रामाज्ञा को इलाज के लिए ले जाने की तैयारी करने लगे लेकिन मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी भी पुलिस को दी गई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी मामले को लेकर सोमवार को भिरगूपुरवा गांव के लोग धरना-प्रदर्शन पर उतर आए। निषाद समुदाय के नेता लक्ष्मी नारायण निषाद, लक्ष्मण प्रसाद गौड़, रामलौटन निषाद, रमेश प्रधान और पवन कुमार निषाद के नेतृत्व में सभी ने नारेबाजी करते हुए धरना दिया। कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया। यह भी चेतावनी दी कि विपक्षियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रदर्शन के बाद नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा गया।
आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीण
ग्राम पंचायत में विकास कार्यों में गड़बड़ी का लगाया आरोप
बहराइच। तहसील कैसरगंज के ग्राम बुबकापुर के ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए आमरण अनशन शुरू किया है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य के नेतृत्व में ग्रामीण सोमवार से कलेक्ट्रेट धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। तहसील कैसरगंज अंतर्गत विकास खंड फखरपुर की ग्राम पंचायत बुबकापुर के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मोतीलाल पाल के नेतृत्व में आमरण अनशन करते हुए अनियमितताओं की जांच की मांग ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बीपीएल सूची में अमीर लोगों के नाम शामिल किए गए हैं। जबकि पात्र वंचित हैं। मनरेगा के तहत खुदवाए गए तालाब का भौतिक सत्यापन करवाए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है। ग्रामीणों ने ग्यारह सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई न होने तक आमरण अनशन जारी रखने की चेतावनी दी है। पूर्व बीडीसी के साथ ही कमलेश प्रताप सिंह और विजय कुमार ने भी आमरण अनशन की शुरुआत की है।
पहले छप्पर उजाड़ा अब दे रहे धमकी
बहराइच। गांव के दबंगों ने एक ग्रामीण की जमीन पर कब्जा करने के लिए पहले उसका छप्पर उजाड़कर मारा पीटा अब उसे जानमाल की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित ने थाने में गुहार लगाई है। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अब उसने एसपी को पत्र लिखा है।
बौंडी थाना क्षेत्र के ग्राम मजगवां निवासी चेतराम पुत्र सोखे ने एसपी को दिए गए पत्र में कहा है कि क्षेत्र के दबंग किस्म के चार लोगों की नजर अरसे से उसकी जमीन पर लगी हुई है। इसी के चलते बीते सप्ताह शुक्रवार को दबंगों ने दस बजे दिन में हमला बोलकर उसका छप्पर उजाड़ दिया था। विरोध करने पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उसे मारा पीटा था। जिससे उसके सीने की हड्डी टूट गई थी। इलाज अभी भी चल रहा है। चेतराम का कहना है कि दबंग इस हमले के बाद भी शांत नहीं हुए। सोमवार को जब वह अस्पताल से घर पहुंचा तो फिर सभी ने घर का घेराव कर गांव से उजाड़ने के साथ ही जानमाल की धमकी दी। इस मामले में उसने किसी प्रकार थाने पहुंचकर गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने अनदेखी कर दिया।
ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें