ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)
गुरुवार, मई 15, 2008
विनायक सेन ने किया क्या था .........
आज विनायक सेन को पूरे एक साल हो गए जेल गए ..... सरकार ने जिस अधर पर इन्हे गिरफ्तार किया वह तो मात्र इतना था की वह इलाज करते थे ......उन लोगों कला जो ग्तिब थे जहाँ पर आज के मेरितोरिअस डॉक्टर जन नही चाहते .....वो आदिवासी गरीबो का इलाज करते थे ....जबकि आज के डॉक्टरों को गांवों मे जाने से ही परहेज है...अब सोचने वाली बी यह है किआखिर विनायक सेन को किन कानूनों के उल्लंघन पर गिरफ्तार किया ..ये कानून हैं अन ला फुल एक्तिवितिज एक्ट और विशेष सुरक्षा अधिनियम ...अब सोचिये कि इस देश मे ऐसे भी कानून मौजूद है जो साफ तौर ओपनिवेशिक तरीके से अपनी जनता को देखते हैं। ऐसे मे जब सडवा जुडूम कि सच्चाई उजागर करने मे विनायक सेन लगे हुए थे तो उन्हें इन कानूनों का शिकार बनाया गया। मानवाधिकारों के कार्यकर्ताओं को सीधे निशाना बनाना यह सबसे बडी घटना है । जरूरत आ गयी की सरकारों की तानाशाही रवैया के खिलाफ आवाज उठाई जाए।
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