ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

गुरुवार, मार्च 18, 2010

केंद्र सरकार पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे - पीयूसीएल

मानवाधिकार संगठन पीपल्स यूनियन फार सिविल लिबर्टीज ने बाटला हाऊस मुठभेड़ कांड पर आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कथित मुठभेड़ कांड की न्यायिक जांच की मांग दोहराई। संगठन प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक ने संजरपुर में बैठक कर सूचना कार्यकर्ता अफरोज आलम को प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बाटला हाउस में मारे गए मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान प्रमाणित करते हैं कि उन्हें गोली मारने से पहले उनको बर्बर तरीके से मारा पीटा गया था। यह रिपोर्ट पुलिस के उस दावे को खोखला साबित करती है कि पुलिस ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई थी।
पीयूसीएल के प्रदेश संगठन मंत्री शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा की गई हत्या की इतनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट आखिर क्यों दबा कर रखी गई थी। अगर आजमगढ़ के लिए सोनिया और राहुल इतने चिंतित हैं तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें और इस मामले की न्यायिक जांच करवाएं।

2 टिप्‍पणियां:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

पीयूसीएल वाले कश्मीर में हिन्दुओं के दमन के प्रति क्यों नहीं चिल्लाते..

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice