ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

शनिवार, दिसंबर 19, 2009

प्रतिरोध का बिंब : तीसरा अयोध्या फिल्म उत्सव

साभार नई पीढ़ी
♦ विजय प्रताप
शहीद राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान की शहादत पर केंद्रित तीसरा अयोध्या फिल्म उत्सव 19 से 21 दिसंबर 2009 के बीच फैज़ाबाद में शुरू होने जा रहा है। नब्बे के दशक में सांप्रदायिकता की प्रयोगशाला के रूप में उभरा राम मंदिर आंदोलन अयोध्या की शहादत की परंपरा को पीछे धकेल दिया। राममंदिर आंदोलन के बाद इस क्षेत्र में एक बार फिर से वही प्रयास हो रहे हैं। इस बार का नारा जय श्री राम नहीं हर हर महादेव है और इसकी प्रयोगशाला पूरा पूर्वांचल (उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा) है। इस सांप्रदायिक आंदोलन का नेतृत्व गोरखपुर के संसद योगी आदित्यनाथ के हाथों में है और जिनका नारा है पूर्वांचल गुजरात बनेगा। ऐसे समय में अयोध्या फिल्म सोसाइटी ने इस अंचल के दो शहीद प्रतीकों की साझी शहादत को केंद्र बनाकर अयोध्या में आयोजित हो रहे उत्सव में फिल्मों के प्रदर्शन के साथ फिल्मकारों से बातचीत भी शामिल होगी। आप भी इस उत्सव में सादर आमंत्रित हैं।

भगवा युद्ध : एक युद्ध राष्ट्र के विरुद्ध

तीन वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे इस फिल्म समारोह में डॉक्यूमेंट्री फिल्म भगवा युद्ध ख़ास आकर्षण का केंद्र होगी। यह फिल्म अयोध्या सहित पूरे पूर्वांचल में चल रहे सांप्रदायिक प्रयोगों को उजागर करती है। कुछ युवा पत्रकारों ने इस क्षेत्र में इन प्रयोगों को पहचाना है और वह काम किया है जो दूसरे अन्य फिल्मकार किसी बड़े दंगे के बाद करते हैं। जर्नलिस्ट यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी (जेयूसीएस) के बैनर तले बनी इस फिल्म का राजीव यादव, शाहनवाज़ आलम और लक्ष्मण प्रसाद ने संयुक्त रूप से निर्देशन किया है। इन लोगों ने उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र में सांप्रदायिकता के इस प्रसार को बखूबी पहचाना है और विभिन्न इलाकों में प्रयोग स्वरूप हुए कई छोटे-छोटे दंगों को फिल्म के केंद्र में रखा है। इसमें गोरखपुर के गोरक्षपीठ को नेपाल की पूर्व राजशाही से मिल रहे सहयोग और कई शहरों में दंगों के लिए तैयार किये जा रहे माहौल के कुछ दृश्य चौंकाने वाले हैं। इन सबको दिखाते हुए फिल्म एक संदेश दे जाती है कि अभी नहीं संभले तो पूर्वांचल गुजरात से भी बड़ी सांप्रदायिक प्रयोगशाला बनाने जा रहा है।

1 टिप्पणी:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

ग़जब की जुम्बिश है उनकी आँखों में
हमेशा एक तरफ ही देखा करती हैं !