ॠषि कुमार सिंह॥ भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। "घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है। बताओ कैसे लिख दूँ धूप फाल्गुन की नशीली है।"(अदम गोंडवी)

शुक्रवार, अक्तूबर 24, 2008

मीडिया की नज़र मे आज़मगढ़

आतंकवाद को लेकर एक समुदाय विशेष के प्रति लोगों में नफरत के बीज बो रही मीडिया और उसकी रिपोर्टिंग का एक नमूना है यह रिपोर्ट। हाल की कुछ घट्नाओं के माध्यम से मीडिया ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ को लगातार आतंकवादियों को प्रश्रय देने वाले जिले के रूप में प्रचारित किया है। इसके लिए तमाम टीवी चैनलों और अख़बारों ने झूठ का जमकर सहारा लिया है . यह रिपोर्ट भी इसी की एक बानगी है. १८ अक्तूबर को न्यूज एजंसी आईएएनएस से जारी यह ख़बर पूरी तरह से फर्जी है। ख़बर में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ६७ लोगों के गिरफ्तार होने की बात कही गई है. यह भी बताया गया है की इसमे ज्यादातर लोग आजमगढ़ के हैं. ये लोग कई विस्फोटों में लिप्त रहें हैं ध्यान दे किसी एक विस्फोट का नाम नही है। ख़बर में इलाहाबाद मंडल के पुलिस महानिरीक्षक पी.के.तिवारी के हवाले से बताया गया है की इन सभी संदिग्धों की सूचना उन्हें उनके मकान मालिकों से मिली. इस सम्बन्ध में सबसे दिलचस्प बात ये रही की ऐसी कोई भी ख़बर इलाहाबाद या स्थानीय किसी भी समाचर माध्यम ने नहीं दी. पुलिस अधिकारीयों ने भी ऐसी किसी गिरफ्तारी से इंकार किया है. सवाल ये उठता है की ये खबरे कैसे टाइम्स आफ इंडिया और कई अन्य समाचार माध्यमों तक पहुची. इस सम्बन्ध में आईएएनएस के संपादक दर्शन देसाई से जानकारी चाही तो उनका दो टूक जवाब था - 'मै जानकारी दे ने के लिए बाध्य नहीं हूँ.' दर्शन देसाई यह जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है, यह सही बात है. लेकिन क्या लोगों को उनके इस झूठ पर सवाल उठाने का भी अधिकार नहीं है? हमें यह नहीं भुलाना चाहिए की कि कुछ ऐसे ही झूठी खबरें ने गुजरात दंगों में घी का काम किया था। उस समय भी हत्या और बलात्कार कि झूठी ख़बरों ने दंगे पर उतारू भीड़ को दुसरे समुदाय के लोगों के साथ एसा सुलूक करने का नैतिक सहारा दिया था . आप भी आईएएनएस और उसके संपादक इस ख़बर कि सच्चाई के बारे में प्रश्न कर सकते हैं. नंबर है -9307727033

पीयुएचआर की ओर से जारी शाहनवाज़ आलम ०९४१५२५४९१९
राजीव यादव 09452752800
विजय प्रताप 09982664458

पूरी ख़बर यहाँ पढ़ें
http://www.thaindian.com/newsportal/world-news/67-tenants-in-uttar-pradesh-jailed-for-using-fake-identity_100108804.html

2 टिप्‍पणियां:

شہروز ने कहा…

bhai kaun sunta hai tooti ki aawaaz lekin.
bhaiyya gorakh ki tarah alakh jagaye rakho bhai.ganeemat hai.

kya aise logon ke khilaaf qanoonoi karwahi nahin ho sakti.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

अखबारों और माध्यमों पर बहुत सी खबरें टेबल न्यूज होती हैं।